Breathing

By October 18, 2021August 25th, 2023Fitness Industry
Breathing

डायाफ्रॉम का आकार एक गुंबद जैसा होता है। यह सांस लेने वाली मांसपेशी है, जिसका संबंध शरीर में हार्ट फंक्शन, पाचन और ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है। यह भावनात्मक स्थिति को कंट्रोल करके इंसान की नींद में सुधार भी करता है और व्यक्ति का तनाव भी कम करता है। कोरोना महामारी से जुड़े निमोनिया में डायाफ्राम की मांसपेशी की क्षमता पर असर पड़ता है।

डायाफ्रैगमैटिक ब्रीदिंग के लाभ
डायाफ्रैगमैटिक ब्रीदिंग फेफड़ों को मजबूत बनाती है और इस ब्रीदिंग का खास मकसद ना सिर्फ आराम करते हुए बल्कि किसी भी काम के दौरान गहरी सांस लेने की क्षमता में सुधार करना है। डायाफ्रैगमैटिक ब्रीदिंग को मरीज की शारीरिक क्षमता के मुताबिक 3 तरीकों जैसे लेटकर, बैठकर या फिर खड़े होकर किया जा सकता है।

डायाफ्रैगमैटिक ब्रीदिंग के प्रमुख चरण

  • पीठ के बल लेटकर घुटनों को थोड़ा मोड़ लें, इससे आपके पैरों के तलवे बेड पर आराम करने की स्थिति में आ जाएंगे।
  • हाथों को अपने पेट पर रखें।
  • अब पेट को फुलाने के लिए नाक से जोर से सांस लें और सांस लेने के बाद उंगलियों को भी फैलाने की कोशिश करें।
  • अब अपने होंठों को सिकोड़कर धीरे-धीरे मुंह से सांस बाहर निकालें। इस दौरान पेट वापस अंदर की ओर जाना चाहिए।
  • इस क्रिया को 10-15 बार दोहराएं। जब आप इस एक्सरसाइज को अच्छे से करने लगें तो इस क्रिया को ज्यादा बार दोहराएं।

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